सरस्वती माता की जय
आज मै आप को Gramin,vidya Saraswati Mantra के बारे में बताने जा रहा हूँ ,माँ सरस्वती को विद्या और बुद्धि की देवी कहा जाता है ,माँ सरस्वती की विशेष पूजा की जाता है ,हम जब भी किसी भी पूजा या साधना करते है तो माँ का मंत्रो स्तुति जरुर करते है ,
Sarswati Puja २०२२ बसंत पंचमी को माता जि का विशेष पूजा किया जाता है इस दिन मान्यता है की इस दिन माँ सरस्वती का मंत्र पाठ वंदना करने से विशेष कृपा प्राप्त होता है ,हर साल हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है |
धार्मिक मान्यातओं के अनुसार ,बसंत पंचमी के दिन ब्रह्मा जी के आशीर्वाद से माँ सरस्वती प्रकट हुई थीं ,इस दिन स्कूल कालेज में ,माता जि का पूजा के दौरान विशेष मंत्रो से भी पूजा किया जाता है ,
लेकिन जब हम तंत्र जगत की बात करें तो उसमे अलग प्रकार का पूजन किया जाता है ,बहुत सरे वैदिक मंत्र है,sabar mantra भी है लेकिन ग्रामीण मंत्र अलग होते है ,जो आज आप को आज बताने जा रहा हूँ ,
क्यों करते है ,
Sadhana में क्यों पढ़ते है सरस्वती मंत्र .....हम जब भी कोई साधना या पूजा करते है तो कोई भी ईस्ट देवी या साधना का मंत्र को पढ़ने से पहले जो मंत्र होता है कई प्रकार की होती है जो आगे है .........
मन्त्र १ ...नमो नमो माँ सरस्वती विद्या की देवी धरे हाथ माँ विणा मोला दे विद्या कंठ माँ aa के बैठ जा ||
प्र्स्योग .....3 बार पाठ कर ,
विद्यार्थी के लिए खाश कर ........आ सरस्वती तुही ल बिनोवा तुही ल ,तुही ल चढ़ावा फुलवा ,पाठ गुरगुर ,चन्दा गौरी खेती ,आरंग देश के भाग भगौती ,तीही चंदा तीही सरस्वती कंठे बैठे हमार ल गजमंते हार सोपे विद्या भंडार गीता के कनी मनी टूटे दौरी जटा धारी जहां सुमिराव टाट नाग शरण है तुम्हारी ||
प्रयोग ....21 बार पाठ कर
सिद्ध करने की विधि
आप किसी भी शुभ दिन में जैसे ......ग्रहण काल ,पूर्णिमा ,दीपावली ,होली ,या फिर बुधवार को आप पूजन कर सकते है ,आप सर्वप्रथम
समग्री .......... एक नारियल ,5 अगरबत्ती , सफ़ेद फुल ,गंगा जल या साफ पानी ले ,
विधि ........सबसे पहले पूर्व दिशा की और मुख करके बैठे आसन सफ़ेद रंग का या कुशा का आसन लें ,फिर सरस्वती माँ का कौई फोटो सामने रखे ,फिर थोडा जल छिडके ओंर 5 अगेबत्ति जलाये फिर गणेशा जी का ध्यान करे ओंर पूजन करें ,फिर गुरु जि का पूजन ध्यान कर ,सभी को मीठा प्रसाद चढ़ाए ,फिर सभी को फुल अर्पित करें , तब आप माँ सरस्वती जि का ध्यान कर आवाहन करे की आप इस स्थान पर आये ओंर मेरा कार्य पूरा करे , फिर आप ऊपर दिए हुए मंत्रो में से एक मंत्र का 108 बार जप करे ,आप फिर आरती कर पूजा पूर्ण करे ,
इस तरह पूजन पूरा करे ,
आगे आप को ओंर आगे की जानकारी दिया जायेगा
पेज पड़ने के लिए आप का धन्यवाद जी
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